मक्का
मक्की के फायदे
ताजे दूधिया मक्का के दाने पीसकर शीशी में भरकर खुली हुई शीशी धूप में रखें। दूध सूख कर उड़ जाएगा और तेल शीशी में रह जाएगा। छान कर तेल को शीशी में भर लें और मालिश किया करें। दुर्बल बच्चों के पैरों पर मालिश करने से बच्चा जल्दी चलेगा। एक चम्मच तेल शर्बत में मिलाकर पीने से बल बढ़ता है।
भुट्टा जलाकर उसकी राख पीस लें। इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक मिला लें। नित्य चार बार चौथाई चम्मच गर्म पानी से फं की लें खांसी में लाभ होगा।
ताजा मक्का के भुट्टे पानी में उबालकर उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन गुर्दों की कमजोरी दूर हो जाती है।
मक्का के भुट्टे जलाकर राख कर लें। जौ जलाकर राख कर लें। दोनों को अलग-अलग पीस कर अलग-अलग शीशियों में भरकर उन शीशियों पर नाम लिख दें। एक कप पानी में दो चम्मच मक्का की राख घोलें फि र छानकर इस पानी को पी लें।
इससे पथरी गलती है पेशाब साफ आता है। जिसे टीबी का पूर्वरूप हो उसे मक्का की रोटी खानी चाहिए।
गरमा-गरम भुट्टे और उसके विविध व्यंजन खाने का एक अलग ही मजा है। भुट्टा ग्रेमिनी कुल का एक प्रसिद्ध धान्य है।
आयुर्वेद के अनुसार कच्ची मक्का का भुट्टा तृप्तिदायक वातकारक कफ पित्त नाशक मधुर और रुचि उत्पादक अनाज है।
भुट्टे में पौष्टिक तत्व कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें मुख्य रूप से प्रोटीन होता है। हालांकि इस प्रोटीन को अपूर्ण प्रोटीन माना गया है । सौ ग्राम भुट्टे के दानों से काफी कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। भुट्टे के 100 ग्राम दानों ;कच्ची मक्का में काफी पोषक तत्वों की मात्रा खनिज एवं विटामिन पाए जाते हैं।
औषधीय गुण
’ मक्का के ताजे दानों को पानी में अच्छी तरह से उबालकर उस पानी को छानकर शहद या मिश्री मिलाकर सेवन करने से गुर्दों की कमजोरी दूर होती है।
’ मक्का के दाने भूनकर खाने से पाचन तंत्र के रोग दूर होते हैं।
’ भूना हुआ भुट्टा खाने से दांत एवं दाढ़ मजबूत होते हैं तथा ये दाने लार बनाने में भी सहायक हैं जिससे मुख व दांतों की दुर्गंध भी दूर होती है।
मक्का |
मक्की के फायदे
ताजे दूधिया मक्का के दाने पीसकर शीशी में भरकर खुली हुई शीशी धूप में रखें। दूध सूख कर उड़ जाएगा और तेल शीशी में रह जाएगा। छान कर तेल को शीशी में भर लें और मालिश किया करें। दुर्बल बच्चों के पैरों पर मालिश करने से बच्चा जल्दी चलेगा। एक चम्मच तेल शर्बत में मिलाकर पीने से बल बढ़ता है।
भुट्टा जलाकर उसकी राख पीस लें। इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक मिला लें। नित्य चार बार चौथाई चम्मच गर्म पानी से फं की लें खांसी में लाभ होगा।
ताजा मक्का के भुट्टे पानी में उबालकर उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन गुर्दों की कमजोरी दूर हो जाती है।
मक्का के भुट्टे जलाकर राख कर लें। जौ जलाकर राख कर लें। दोनों को अलग-अलग पीस कर अलग-अलग शीशियों में भरकर उन शीशियों पर नाम लिख दें। एक कप पानी में दो चम्मच मक्का की राख घोलें फि र छानकर इस पानी को पी लें।
इससे पथरी गलती है पेशाब साफ आता है। जिसे टीबी का पूर्वरूप हो उसे मक्का की रोटी खानी चाहिए।
गरमा-गरम भुट्टे और उसके विविध व्यंजन खाने का एक अलग ही मजा है। भुट्टा ग्रेमिनी कुल का एक प्रसिद्ध धान्य है।
आयुर्वेद के अनुसार कच्ची मक्का का भुट्टा तृप्तिदायक वातकारक कफ पित्त नाशक मधुर और रुचि उत्पादक अनाज है।
भुट्टे में पौष्टिक तत्व कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें मुख्य रूप से प्रोटीन होता है। हालांकि इस प्रोटीन को अपूर्ण प्रोटीन माना गया है । सौ ग्राम भुट्टे के दानों से काफी कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। भुट्टे के 100 ग्राम दानों ;कच्ची मक्का में काफी पोषक तत्वों की मात्रा खनिज एवं विटामिन पाए जाते हैं।
औषधीय गुण
’ मक्का के ताजे दानों को पानी में अच्छी तरह से उबालकर उस पानी को छानकर शहद या मिश्री मिलाकर सेवन करने से गुर्दों की कमजोरी दूर होती है।
’ मक्का के दाने भूनकर खाने से पाचन तंत्र के रोग दूर होते हैं।
’ भूना हुआ भुट्टा खाने से दांत एवं दाढ़ मजबूत होते हैं तथा ये दाने लार बनाने में भी सहायक हैं जिससे मुख व दांतों की दुर्गंध भी दूर होती है।
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