Tuesday, 18 February 2014

गैस

उदर-वायु एक आम तथा कभी न कभी हर किसी को होने वाली समस्‍या है। पेट गैस को अधोवायु बोलते हैं। यह तब होती है जब शरीर में भारी मात्रा में गैस भर जाती है। इसे पेट में रोकने से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि। पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं जिसके बारे में हम यहां आज चर्चा करेगें।

कारण-

1. बैक्टीरिया का पेट में ओवरप्रोडक्‍शन होना ।

2. जिस आहार में बहुत ज्‍यादा फाइबर होता है।

3. मिर्च-मसाला, तली-भुनी चीजें ज्यादा खाने से।

4. पाचन संबधी विकार

5. बींस, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, ब्रेड और किसी-किसी को दूध या भूख से ज्यादा खाने से। खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक लेने से क्‍योंकि इसमें गैसीय तत्व होते हैं। इसके साथ बासी खाना खाने से और खराब पानी पीने से भी गैस हो जाती है।

घरेलू उपचार-

* भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर का प्रतिदिन सेवन करना लाभप्रद होता है। यदि उस पर काला नमक डालकर खाया जाए तो लाभ अधिक मिलता है। पथरी के रोगी को कच्चे टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।

* 1/2 चम्‍मच सूखा अदरक पाउडर लें और उसमें एक चुटी हींग और सेंधा नमक मिला कर एक कप गरम पानी में डाल कर पीएं।

* गैस के कारण सिर दर्द होने पर चाय में कालीमिर्च डस्ट डालें। वही चाय पीने से लाभ मिलता है।

* कुछ ताजा अदरक स्‍लाइस की हुई नींबू के रस में भिगो कर भोजन के बाद चूसने से राहत मिलेगी।

* पेट में या आंतों में ऐंठन होने पर एक छोटा चम्मच अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है। बच्चों को अजवायन थोड़ी दें।

*भोजन के एक घंटे बाद 1 चम्‍मच काली मिर्च, 1 चम्‍मच सूखी अदरक और 1 चम्‍मच इलायची के दानो को 1/2 चम्‍मच पानी के साथ मिला कर पिएं।

* वायु समस्या होने पर हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर खाना चाहिए।

* अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें। बड़ों के लिए दो से छह ग्राम, खाने के तुरंत बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें।

* अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़क कर दिन में कई बार उसका सेवन करें। गैस परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हलका होगा और भूख खुलकर लगेगी।

योग
वज्रासन : खाने के बाद घुटने मोड़कर बैठ जाएं। दोनों हाथों को घुटनों पर रख लें। 5 से 15 मिनट तक करें।
गैस पाचन शक्ति कमजोर होने से होती है। यदि पाचन शक्ति बढ़ा दें तो गैस नहीं बनेगी। योग की अग्निसार क्रिया से आंतों की ताकत बढ़कर पाचन सुधरेगा।

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