Friday, 13 December 2013

प्राणायाम

"एक सामान्य श्वसन चक्र में हम 500 ml(Tidal volume)वायु का उपयोग करते हैं |जबकि अध्ययनों के अनुसार यदि हम गहरा श्वांस भरते हैं तो यह मात्रा 4500 ml (4.5 ltr) तक हो सकती है.. बल्कि किसी के फेफड़ों में पर्याप्त क्षमता हो तो Vital Capacity 8000 ml (8 ltr) भी हो सकती है |इस प्रकार गहरा श्वांस लेने से रक्त में ऑक्सीजन (o) का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण कोशिकीय स्तर पर उत्तकों (tissues) को पर्याप्त मात्रा में प्राणवायु प्राप्त होती है |
प्राणायाम के निरंतर अभ्यास से हम अपनी श्वांस की गति को कम कर सकते हैं और ऑक्सीजन (प्राणवायु ) का स्तर अपने शरीर में 16 गुना तक बढ़ा सकते है ..और इस प्रकार हम एक स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की प्राप्ति कर सकते हैं ....."
Normally in one round of breathing (i.e.one inhalation -exhalation) we use 500 ml (Tidal Volume) air.Studies prove that if we take a deep breath ,the quantity of the braethed air can go up to 4500 ml and if one's lungs have adequate vital capacity ,it can go up to 8000 ml(8 ltre) .By this deep inhaling and vigorous exhaling the level of oxygen in blood increases .Which supplies adequate PRANVAYU (O) to the tissue in cells...

Thus by making practice of deep and slow breathing we can increase the level of oxygen in our body upto 16 times and can get Long and Healthy life

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