बदहजमी दूर करने के घरेलू नुस्खे
बदहजमी की तमाम वजहें हो सकती हैं। मसलन भूख से ज्यादा खाना, खाने को सही तरीके से नहीं चबाना, नींद पूरी न होना, खाना सही तरह से पका न होना या फिर एक्सरसाइज न करना। इसके अलावा तेज मसालेदार भोजन और जीवनशैली में बदलाव के कारण भी पाचन की समस्या पैदा हो सकती है। बदहजमी होने पर इन घरेलू नुस्खों को आजमाएं :
-एक चम्मच अजवाइन के साथ नमक मिलाकर खाने से बदहजमी से तुरंत छुटकारा मिलता है।
-एक गिलास पानी में पुदीने के रस की दो-तीन बूंदें डालकर हर तीन-चार घंटे के अंतराल पर पीएं।
-एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच नींबू, अदरक का रस और दो छोटे चम्मच शहद भी मिला लें। इसे पीने से पाचन संबंधी परेशानी दूर होगी।
-अगर एसिडिटी से परेशान हैं, तो एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर पीएं।
-अगर चाय पीना नहीं छोड़ सकते, तो हर्बल टी का प्रयोग करना शुरू कर दें।
-कॉफी, अल्कोहल और धूम्रपान से बचें। इनसे भी पाचन खराब होने की आशंका होती है।
-अधिक टाइट कपड़े और जींस न पहनें।
-डिनर सोने से कम से कम दो-तीन घंटे पहले कर लें।
- एक चम्मच धनिए के भुने हुए बीज को एक गिलास छाछ में मिलाकर पीएं।
-खाने के बाद एक चम्मच सौंफ अवश्य चबाएं।
-अगर आपके मुंह का जायका खराब हो रहा है तो अदरक के टुकड़े में काला नमक लगाकर खाएं।
-अपने भोजन में रेशेदार फल-सब्जियों को शामिल करें। मैदा से बनी चीजों का सेवन न करें।
हल्दी और अदरक : घरेलू नुस्खे
हल्दी: आयुर्वेद के अनुसार हल्दी ऊष्ण, सौंदर्य बढ़ाने वाली, रक्तशोधक, कफ वात नाशक आदि होती है। सर्दी-खाँसी में गरम पानी से हल्दी की फँकी देने से आराम मिलता है तथा बलगम भी निकल जाता है। हल्दी एंटीबायटिक का काम भी करती है। इसे फेस पैक के रूप में बेसन के साथ लगाने से त्वचा में निखार आता है।
अदरक : यह पाचक है। पेट में कब्ज, गैस बनना, वमन, खाँसी, कफ, जुकाम आदि में इसे काम में लाया जाता है। अदरक का रस और शहद मिलाकर चाटते रहने से दमे में आराम मिलता है, साथ ही भूख भी बढ़ती है। यह पाचन ठीक करता है। नीबू-नमक से बना सूखा अदरक आप यात्रा में साथ रख सकते हैं।
पेट में गैस
कई लोग पेट में गैस बनने से परेशान रहते हैं। आमतौर पर हमारे पेट में गैस, ठीक से पाचन न होने के कारण बनती है। इससे कब्ज की भी शिकायत रहती है और अंतत: हम गैस की समस्या से परेशान रहने लगते हैं। इन घरेलू और आसान नुस्खे को आजमा कर गैस की समस्या से बचा जा सकता है।
सौंठ, पीपल, काली मिर्च, अजवाइन, सेंधा नमक, सफेद जीरा, काला जीरा और भुनी हुई हींग को समान मात्रा में लें और कूट-पीसकर महीन चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को आधा चम्मच घी में मिलाकर भोजन के साथ खा लें। इसका लगातार आठ दिनों तक सेवन करें, आपको गैस की परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा।
अजवाइन और काले नमक को समान मात्रा में लें और पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। तैयार चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में गर्म पानी के साथ लें। आपके पेट से गैस गायब हो जाएगी।
तुलसी
तुलसी की २१ से ३५ पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिलबट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भांति पीस लें और १० से ३० ग्राम मीठी दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खायें। ध्यान रहे दही खट्टा न हो और यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम दवा शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भुलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं। दवा दिनभर में एक बार ही लें परन्तु कैंसर जैसे असह्य दर्द और कष्टप्रद रोगो में २-३ बार भी ले सकते हैं।
इसके तीन महीने तक सेवन करने से खांसी, सर्दी, ताजा जुकाम या जुकाम की प्रवृत्ति, जन्मजात जुकाम, श्वास रोग, स्मरण शक्ति का अभाव, पुराना से पुराना सिरदर्द, नेत्र-पीड़ा, उच्च अथवा निम्न रक्तचाप, ह्रदय रोग, शरीर का मोटापा, अम्लता, पेचिश, मन्दाग्नि, कब्ज, गैस, गुर्दे का ठीक से काम न करना, गुर्दे की पथरी तथा अन्य बीमारियां, गठिया का दर्द, वृद्धावस्था की कमजोरी, विटामिन ए और सी की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग, सफेद दाग, कुष्ठ तथा चर्म रोग, शरीर की झुर्रियां, पुरानी बिवाइयां, महिलाओं की बहुत सारी बीमारियां, बुखार, खसरा आदि रोग दूर होते हैं।
ब्यूटी के सरल घरेलू नुस्खे
शहद : यह त्वचा की झुर्रियां मिटाने में बड़ा सहायक है। यह खुश्क त्वचा को मुलायम कर रेशमी व चमकदार बनाता है। चेहरे पर शहद की एक पतली तह चढ़ा लें। इसे 15-20 मिनट लगा रहने दें, फिर कॉटनवूल भिगोकर इसे पोंछ लें। तैलीय त्वचा वाले शहद में चार-पांच बूंद नीबू का रस डालकर उपयोग करें। नीम : यह त्वचा में रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है। इसके प्रयोग से मुंहासे में जादू जैसा लाभ होता है। चार-पांच नीम की पत्तियों को पीसकर मुलतानी मिट्टी में मिलाकर लगाएं, सूखने पर गरम पानी से धो लें। केला : यह त्वचा में कसाव लाता है तथा झुर्रियों को मिटाता है। पका केला मैश कर चेहरे पर लगाएं। आधा घंटे बाद ठंडे पानी से धो लें।
मुंहासे.
संतरे के छिल्कों को छाया में सुखाकर बनाया गया बारिक चूर्ण और बराबर मात्रा में बेसन (अथवा बारीक पिसी हुई मुल्तानी मिट्टी दुगुनी) मिलाकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को पन्द्रह मिनट पानी में भिगोने के बाद गाढ़ा घोल बना लें और इसका मुंहासिं पर लेप करं। दस मिनट लगा रहने के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लिया जाए तो इस प्रकार ४-६ सप्ताह के प्रयोग से मुंहासे नष्ट हो जाते हैं ।
Kali Khansi
भुनी हुई फिटकरी और चीनी (एक रत्ती) दोनों को मिलाकर दिन में दो बार खाएं। पांच दिन में काली खांसी ठीक हो जाती है। बड़ो को दोगुनी मात्रा दें। यदि बिना पानी के न ले सके तो एक दो घूंट गर्म पानी ऊपर से पी लें।
या दही दो चम्मच, चीनी एक चम्मच, काली मिर्च का चूर्ण छः ग्राम मिलाकर चटाने से बच्चों की काली खाँसी और वृद्धों की सूखी खांसी में आश्चर्यजनक लाभ होता है।
जोड़ों का दर्द
बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो - दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।
या नागौरी असगन्ध की जड़ और खांड दोनों समभाग लेकर कूट-पीस कपड़े से छानकर बारिक चुर्ण बना लें और किसी काँच के पात्र में रख लें। प्रतिदिन प्रातः व शाम चार से छः ग्राम चुर्ण गर्म दूध के साथ खायें। आवश्यकतानुसार तीन सप्ताह से छः सप्ताह तक लें। इस योग से गठिया का वह रोगी जिसने खाट पकड़ ली हो वह भी स्वस्थ हो जाता है। कमर-दर्द, हाथ-पाँव जंघाओं का दर्द एवं दुर्बलता मिटती है। यह एक उच्च कोटि का टॉनिक है।
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