नुसखे
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बच्चो के पेट में कीड़े
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* कृमि की अवस्था में खाली पेट अनन्नास सेवन करना चाहिए क्योंकि यह कृमि नाशक है।
पेट में कृमि होने पर अनन्नास सेवन करने से सप्ताह भर में ही कृमि दूर हो जाते हैं।
इस दृष्टि से यह बच्चों के लिए भी विशेष उपयोगी है।
* यदि बच्चों के पेट में कीड़े पड़ गए हों तो प्याज का रस पिलाने से कीड़े मर कर निकल जायेंगे।
मुंहासे
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* एक छोटा चम्मच दही तथा एक बड़ा चम्मच मूली का रस मिलाकर लोशन
बनाकर रुई से चेहरे पर लगाने से कील,
मुँहासे एवं झुर्रियां सदा के लिए मिट जाते हैं।
* सेब, संतरा, केला तथा अमरूद आदि को पीसकर फल मिश्रण तैयार कर लें।
इस मिश्रण में दही और पीसी हुई हल्दी ऊपर से डालकर मिला लें।
इसके बाद उसमें तुलसी का एक चम्मच रस और शहद की चार बूंद डालकर
इससे बनाये गये लेप से सुबह-शाम चार सप्ताह तक चेहरे पर लगाया करें।
इससे झुरियां और मुहांसे जड़ से नष्ट हो जाते हैं।
चोट लगना, खून बहना
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* लोहे से लगने वाली चाटों पर फिटकरी घिसकर लगा दें या फूली फिटकरी बुरक दें।
इससे खून तो रुकेगा ही साथ ही सैप्टिक होने के डर से टिटेनस का
इन्जैक्शन लगवाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है।
* 125 ग्राम दही और 250 ग्राम पानी में एक ग्राम फिटकरी पीसकर मिला
दें और उसका लस्सी बनाकर घायल को पिला दें।
इससे शरीर के किसी भी हिस्से से खून बह रहा हो तो बन्द हो जाता है।
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बच्चो के पेट में कीड़े
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* कृमि की अवस्था में खाली पेट अनन्नास सेवन करना चाहिए क्योंकि यह कृमि नाशक है।
पेट में कृमि होने पर अनन्नास सेवन करने से सप्ताह भर में ही कृमि दूर हो जाते हैं।
इस दृष्टि से यह बच्चों के लिए भी विशेष उपयोगी है।
* यदि बच्चों के पेट में कीड़े पड़ गए हों तो प्याज का रस पिलाने से कीड़े मर कर निकल जायेंगे।
मुंहासे
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* एक छोटा चम्मच दही तथा एक बड़ा चम्मच मूली का रस मिलाकर लोशन
बनाकर रुई से चेहरे पर लगाने से कील,
मुँहासे एवं झुर्रियां सदा के लिए मिट जाते हैं।
* सेब, संतरा, केला तथा अमरूद आदि को पीसकर फल मिश्रण तैयार कर लें।
इस मिश्रण में दही और पीसी हुई हल्दी ऊपर से डालकर मिला लें।
इसके बाद उसमें तुलसी का एक चम्मच रस और शहद की चार बूंद डालकर
इससे बनाये गये लेप से सुबह-शाम चार सप्ताह तक चेहरे पर लगाया करें।
इससे झुरियां और मुहांसे जड़ से नष्ट हो जाते हैं।
चोट लगना, खून बहना
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* लोहे से लगने वाली चाटों पर फिटकरी घिसकर लगा दें या फूली फिटकरी बुरक दें।
इससे खून तो रुकेगा ही साथ ही सैप्टिक होने के डर से टिटेनस का
इन्जैक्शन लगवाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है।
* 125 ग्राम दही और 250 ग्राम पानी में एक ग्राम फिटकरी पीसकर मिला
दें और उसका लस्सी बनाकर घायल को पिला दें।
इससे शरीर के किसी भी हिस्से से खून बह रहा हो तो बन्द हो जाता है।
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