सन्तरा :-
स्वास्थ्य के लिए संतरे का अपना एक विशेष स्थान है । जो लोग हर रोज इसका प्रयोग करते हैं उन्हें अनेक रोगों से प्राकृतिक रूप से ही छुटकारा मिल जाता है ।
संतरे की तासीर ठंडी है । दिल को यह काफी शक्ति देता है ।
गैस रोग :- संतरे का निरंतर सेवन करने से गैस रोग से मुक्ति मिलती है । साथ में स्वास्थ्य भी ठीक रहता है । नया खून बनता है ।
पुरानी कब्ज :- जो लोग पुरानी कब्ज से परेशान हैं उन्हें सुबह उठकर संतरे के जूस का एक गिलास पीना चाहिए । ऐसा करने से उनकी कब्ज भी दूर हो जायेगी और उन्हें भूख भी खूब लगेगी ।
शारीरिक कमजोरी :- जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर हैं उन्हें नियमित रूप से संतरे का प्रयोग करना चाहिए ।
स्नायु रोग :- जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर हैं और स्नायु रोग से ग्रसित उन्हें नियमित संतरे रूप से संतरे का प्रयोग करना चाहिए ।
कील मुँहासे :- जिन लोगो के मुँह पर कील मुँहासे अधिक हैं उन्हें कील मुँहासे पर संतरे के छिलको का रस मलना चाहिए |
मलेरिया बुखार :- मलेरिया बुखार के रोगियों के लिए संतरे के छिलके दो कप पानी में उबालकर उसे कपडे से छानकर चीनी मिलाकर पी लें ।
यह कार्य दिन में तीन बार करने से दो -तीन दिन में मलेरिया बुखार उतर जायेगा ।
गुर्दे का दर्द :- गुर्दे के दर्द से परेशान लोगो को नियमित रूप से संतरे का प्रयोग करना चाहिए ।
दांतो के रोग :- पायोरिया जैसे रोग में भी संतरा बहुत लाभकारी है । दांतो के रोगों से बचने के लिए संतरे के छिलकों को धुप में सुखाकर कूट कर मंजन बना लें । इसका प्रयोग मंजन के रूप में करे इससे दांतो के सभी रोग दूर हो जायेंगे |
सन्तरा |
स्वास्थ्य के लिए संतरे का अपना एक विशेष स्थान है । जो लोग हर रोज इसका प्रयोग करते हैं उन्हें अनेक रोगों से प्राकृतिक रूप से ही छुटकारा मिल जाता है ।
संतरे की तासीर ठंडी है । दिल को यह काफी शक्ति देता है ।
गैस रोग :- संतरे का निरंतर सेवन करने से गैस रोग से मुक्ति मिलती है । साथ में स्वास्थ्य भी ठीक रहता है । नया खून बनता है ।
पुरानी कब्ज :- जो लोग पुरानी कब्ज से परेशान हैं उन्हें सुबह उठकर संतरे के जूस का एक गिलास पीना चाहिए । ऐसा करने से उनकी कब्ज भी दूर हो जायेगी और उन्हें भूख भी खूब लगेगी ।
शारीरिक कमजोरी :- जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर हैं उन्हें नियमित रूप से संतरे का प्रयोग करना चाहिए ।
स्नायु रोग :- जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर हैं और स्नायु रोग से ग्रसित उन्हें नियमित संतरे रूप से संतरे का प्रयोग करना चाहिए ।
कील मुँहासे :- जिन लोगो के मुँह पर कील मुँहासे अधिक हैं उन्हें कील मुँहासे पर संतरे के छिलको का रस मलना चाहिए |
मलेरिया बुखार :- मलेरिया बुखार के रोगियों के लिए संतरे के छिलके दो कप पानी में उबालकर उसे कपडे से छानकर चीनी मिलाकर पी लें ।
यह कार्य दिन में तीन बार करने से दो -तीन दिन में मलेरिया बुखार उतर जायेगा ।
गुर्दे का दर्द :- गुर्दे के दर्द से परेशान लोगो को नियमित रूप से संतरे का प्रयोग करना चाहिए ।
दांतो के रोग :- पायोरिया जैसे रोग में भी संतरा बहुत लाभकारी है । दांतो के रोगों से बचने के लिए संतरे के छिलकों को धुप में सुखाकर कूट कर मंजन बना लें । इसका प्रयोग मंजन के रूप में करे इससे दांतो के सभी रोग दूर हो जायेंगे |
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